✅ Highlights of the day:

एक आदमी समुद्रतट पर- Inspirational story in Hindi with moral - A way of positive life : stay positive




एक आदमी समुद्रतट पर चल रहा था। उसने देखा कि कुछ दूरी पर एक युवक ने रेत पर झुककर कुछ उठाया और आहिस्ता से उसे पानी में फेंक दिया। उसके नज़दीकपहुँचने पर आदमी ने उससे पूछा – “और भाई, क्या कर रहे हो?”

युवक ने जवाब दिया – “मैं इन मछलियों को समुद्र में फेंक रहा हूँ।
लेकिन इन्हें पानी में फेंकने की क्या ज़रूरत है?”- आदमी बोला।
युवक ने कहा – “ज्वार का पानी उतर रहा है और सूरज की गर्मी बढ़ रही है।अगर मैं इन्हें वापस पानी में नहीं फेंकूंगा तो ये मर जाएँगी
आदमी ने देखा कि समुद्रतट पर दूर-दूर तक मछलियाँ बिखरी पड़ी थीं। वह बोला – “इस मीलों लंबे समुद्रतट पर जाने कितनी मछलियाँ पड़ी हुई हैं। इसतरह कुछेक को पानी में वापस डाल देने से तुम्हें क्या मिल जाएगा? इससे क्या फर्क पड़ जायेगा?”
युवक ने शान्ति से आदमी की बात सुनी, फ़िर उसने रेत पर झुककर एक और मछली उठाई और उसे आहिस्ता से पानी में फेंककर वह बोला :
आपको इससे कुछ मिले मिले
मुझे इससे कुछ मिले मिले
दुनिया को इससे कुछ मिले मिले
लेकिन इस मछली को सब कुछ मिल जाएगा

Moral

दोस्तों यह केवल सोच का ही फर्क है| सकारात्मक सोच (Positive thoughts) वाले व्यक्ति को लगता है कि उसके छोटे छोटे प्रयासों से किसी को बहुत कुछ मिल जायेगा लेकिन नकारात्मक सोच (Negative Thoughts) के व्यक्ति को यही लगेगा कि, यह समय की बर्बादी है?
दोस्तों यह हम पर है कि हम कौनसी कहावत पसंद करते है
अकेला चना भांड नहीं फोड़ सकता|”
या
बूँद बूँद से ही घड़ा भरता है



एक सकारात्मक प्रयास हमारी तरफ से भी
नीचे  दिए गये लेख को अगर आप सकारात्मक सोच (Positive thoughts)  के साथ पढ़ते हैं तो आपको भी बहुत कुछ  मिलेगा ये मेरा वादा है

एक बार प्रयास तो करें हो सकता है आपको भी बहुत कुछ मिल जाए,

आज के युग में सबसे अधिक जिस वस्तु की आवश्यकता है वह है....
आज के इस अशान्त तथा भौतिकतावादी वातावरण में जो भी साधक ध्यान करते हैं वे विश्व का कल्याण करते हैं क्योंकि "जो पिंडे सो ब्रह्माण्डे'' जब-जब एक भी चित्त शान्त होता है, तो शान्ति से पूर्ण तरंगे ब्रह्माण्ड में भी शान्ति का संचार करती हैं।
ऐसे ही यदि अधिक से अधिक लोग ध्यान करें तो जगत में शान्ति स्थापित करने में ये बहुत बड़ा योगदान होगा, क्यूँकि हमारे भीतर की प्रकृति ही बाहर की प्रकृति को निर्धारित करती है। आज के युग में सबसे अधिक जिस वस्तु की आवश्यकता है वह है-शान्ति। तो क्यूँ हम सब प्रभु के दिए जीवन में से थोड़ा-थोड़ा समय ध्यान के लिए लगाकर स्वयं को तथा विश्व को शान्ति देने का महान कार्य करें?

Do it yourself to fulfil your spiritual desires when you want, where you want (Completely free of charge)

Please forward this message, might be useful for needy person. This is useful for those who really want to do Yoga and meditation.
Thank You for having patience and reading this. 


सिद्धयोग, योग के दर्शन पर आधारित है जो कई हजार वर्ष पूर्व प्राचीन ऋषि मत्स्येन्द्रनाथ जी ने प्रतिपादित किया तथा एक अन्य ऋषि पातंजलि ने इसे लिपिबद्ध कर नियम बनाये जोयोगसूत्रके नाम से जाने जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार मत्स्येन्द्रनाथ जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस योग को हिमालय में कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले शास्वत सर्वोच्च चेतना के साकार रूप भगवान शिव से सीखा था। ऋषि को, इस ज्ञान को मानवता के मोक्ष हेतु प्रदान करने के लिये कहा गया था। ज्ञान तथा विद्वता से युक्त यह योग गुरू शिष्य परम्परा में समय-समय पर दिया जाता रहा है।

इस युग का मानव भौतिक विज्ञान से शान्ति चाहता है परन्तु विज्ञान ज्यों-ज्यों विकसित होता जा रहा है, वैसे-वैसे शान्ति दूर भाग रही है और अशान्ति तेज गति से बढती जा रही है। क्योंकि शान्ति का सम्बन्ध अन्तरात्मा से है, अतः विश्व में पूर्ण शान्ति मात्र वैदिक मनोविज्ञान के सिद्धान्तों पर ही स्थापित हो सकती है। अन्य कोई पथ है ही नहीं। भारतीय योग दर्शन में वर्णितसिद्धयोगसे विश्व शान्ति के रास्ते की सभी रुकावटों का समाधान सम्भव है।

Full Post-->>https://www.facebook.com/TopYogaAlert/posts/750684908401832


Guru Siyag Siddha Yoga The Way, Meaning, Means, and Method of meditation.

more about ‪#‎GuruSiyag or ‪#‎SiddhaYoga in various(National & International) newspapers--->http://spirtualworld.blogspot.com/search/label/news-paper



Please forward this message, might be useful for needy person. This is useful for those who really want to do #Yoga and #meditation.
Thank You for having patience and reading this. 

0 comments:

Post a Comment

Featured Post

कुण्डलिनी शक्ति क्या है, इसकी साधना, इसका उद्देश्य क्या है : कुण्डलिनी-जागरण

कुण्डलिनी शक्ति क्या है, इसकी साधना, इसका उद्देश्य क्या है : कुण्डलिनी-जागरण कुण्डलिनी क्या है? इसकी शक्ति क्या है, इसकी साधना, इसका उद्...

Followers

 
Top