नमामि शमीशान निर्वाण रूपं: अर्थ, महत्व और उपयोगयह श्लोक किसे समर्पित है? श्लोक का विस्तृत अर्थशब्दार्थ और भावार्थ:
भावार्थ: शमीशान शिव का महत्वभगवान शिव को “आदियोगी” और “महादेव” कहा गया है। उनके शमीशान स्वरूप का महत्व इस प्रकार है:
श्लोक के लाभयह श्लोक नियमित रूप से जपने से:
इस श्लोक का पाठ कब और कैसे करें?1. शुभ समय:
2. विधि:
3. ध्यान के साथ जप:
शिवजी की कृपा कैसे प्राप्त करें?
शमीशान श्लोक का भावनात्मक और सामाजिक लाभ
नमामि शमीशान निर्वाण रूपं: अर्थ, महत्व और श्लोक का विस्तृत विवरणयह श्लोक क्या है? श्लोक का पूरा पाठश्लोक: नमामीशमीशान निर्वाणरूपं विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्। निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्। करालं महाकालकालं कृपालं गुणागारसंसारपारं नतोहम्। तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्। स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा। चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्। मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि। प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं। त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं भजेहं भवानीपतिं भावगम्यम्। कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी। चिदानन्दसंदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी। न यावद् उमानाथपादारविन्दं भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्। न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं। न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्। जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो। श्लोक का अर्थ और भावार्थ1. नमामीशमीशान निर्वाणरूपं 2. निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं 3. करालं महाकालकालं कृपालं 4. तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं 5. न जानामि योगं जपं नैव पूजां इस श्लोक का महत्व
श्लोक का पाठ कैसे करें?
शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के तरीके
शिवजी के इस श्लोक को जीवन में कैसे अपनाएं?1. नित्य पाठ: 2. शिवलिंग की पूजा: 3. साधारण जीवन जीएं: 4. ध्यान करें: शिवजी की उपासना के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
निष्कर्ष"नमामि शमीशान निर्वाण रूपं" एक ऐसा दिव्य श्लोक है जो न केवल भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है, बल्कि भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और आंतरिक शांति प्रदान करता है। इसका नियमित जप जीवन के दुखों को समाप्त करता है और आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाता है। भगवान शिव की स्तुति के माध्यम से अपने जीवन को धन्य बनाएं। उनके कृपा से सभी बाधाएं दूर होंगी, और आपको सच्ची शांति और सुख प्राप्त होगा। |
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