नीम का वृक्ष अनेकों औषधीय गुणों से भरपूर है. इसकी 7 से 11 कोपलों का सेवन सुबह के समय चबाकर करने से रक्त शुद्धि होती है . जिन्हें ताजी कोपलें न मिलें वो काली मिर्च के साथ पीसकर गोलियां बनाएं और छाया में सुखाकर एक दो महीनों तक सेवन किया जा सकता है. आजकल (मार्च और अप्रैल केमहीने में) ऋतू परिवर्तन के समय कफ ढीला होकर निकलता है. अन्य धातुए भी असाम्यावस्था में आ जाती हैं. इस समय शरीर से विषैले पदार्थो का निष्कासन तेजी से होता है. इस ऋतू में नीम की कोपलों का सेवन मुहासों फोड़े फुंसियाँऔरअन्य त्वचा विकारों से मुक्ति दिलाता है. त्वचा कान्तिमान होती है. नीम का सेवन शरीर में रुक्षता लाता है अतः देसी घी का सेवन भी भोजन में अवश्य करें.....
May you live a long and healthy life!
Siddha Yoga In Short: | |||||||||||||||||||
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