एक आत्म अनूभूति व्
गुरुदेव से चर्चा :-
मेरा
नाम Yogender
Sharma है, जोधपुर, राजस्थान
का रहने वाला हूँ । 20 नवम्बर
1997 मे गुरुदेव से मन्त्र दीक्षा ली ।
प्रथम बार ही गुरुदेव का धयान करते हुवै मात्र शक्ति कुंडलिनी का साक्षात् हुवा
जैसे कोई सर्प रेंगता हुवा आज्ञा चक्र मे लीन हो गया हो । गुरुदेव की कृपा से
प्रचार कार्य मे भी लग गया ।
एक साधारण शिष्य बनकर घर बैठ जाता तो शायद खुद का तो विकास हो जाता लेकिन जो अभी तक इस दिव्य ज्ञान से वंचित हे उनका क्या ??? यही सोच कर सनातन धर्म की सेवा मे लग गया ।
एक साधारण शिष्य बनकर घर बैठ जाता तो शायद खुद का तो विकास हो जाता लेकिन जो अभी तक इस दिव्य ज्ञान से वंचित हे उनका क्या ??? यही सोच कर सनातन धर्म की सेवा मे लग गया ।
काफी
समय बाद समझ मे आया गुरुदेव एक माह संग्राम के नायक हे जिनकी लड़ाई मानव मात्र पर
अधिकार जमाई हुई तामसिक शक्तियों से हे ।
जैसे-जैसे
मे प्रचार कार्य मे शक्रिय हुवा तामसिक शक्तियों का मायाजाल मुझ पर हावी होने लगा
। रात को सोते समय छाती पर कोई आकर बैठ जाता और गला दबाने लग जाता; आवाज आती :- छोड़ दे ये सब,,, बकवास हे ये सब,,, मे उसे धका देकर दूर करना चहुँ तो
दे नहीं पाता, चिलाना
चाहूं तो चीला नहीं पाता । आखिर थका हारा गुरुदेव का धयान करता तो वह भाग जाता, झटके के साथ । उसी के साथ मेरे
मुंह से चीख निकल पड़ती ।।
ऐसा 4-,5 रात निरन्तर हुवा,,, मेने गुरुदेव से मन ही मन प्राथना की गुरुदेव आप के शिष्य के साथ यह क्या हो रहा हे । उसी रात मे सोता हूँ तो देखता हूँ की ऊपर शुदर्शन रूपी कोई चक्र चल रहा हे । वो दिन हे आज का दिन हे कभी भय नहीं लगा और कोई तामसिक आक्रमण नहीं हुवा ।
ऐसा 4-,5 रात निरन्तर हुवा,,, मेने गुरुदेव से मन ही मन प्राथना की गुरुदेव आप के शिष्य के साथ यह क्या हो रहा हे । उसी रात मे सोता हूँ तो देखता हूँ की ऊपर शुदर्शन रूपी कोई चक्र चल रहा हे । वो दिन हे आज का दिन हे कभी भय नहीं लगा और कोई तामसिक आक्रमण नहीं हुवा ।
काफी
समय बाद 1999
मे गुरुदेव के दर्शन को
गया तब यह आत्म बीती कही तो गुरुदेव ने कहा:-
गुरुदेव
:- हाँ;
मे अपनी फाॅर्स हमेसा
एक्टिव रखता हूं, तुम
नहीं जानते मे कैसे जी रहा हूँ । तुम्है तो पका-पकाया माल मिला हे ।।
गुरु
भाई मेरी आत्म कथा के उदेश्य को समझै और गुरुदेव के इस महा संग्राम मे भागीदार बने
।।।।
एक
मात्र ये सनातन सत्य ही विश्व मे पूर्ण शांति स्थापित करने मे सक्षम हे । गुरुदेव
से जो दीक्षित हे और निरन्तर नाम जप व् धयान कर रहे हे वे अछि तरह जान गये है कि
गुरुदेव कोन हे और क्या हे ??? आप
भी गुरुदेव द्वारा दिये नाम जाप से व् धयान से परमात्मा के पावन कार्य मे भागीदार
बनकर अपना व् अन्य का जीवन सफल बनाये ।
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http://www.speakingtree.in/public/gurusiyagsiddhayoga
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Thank You for having patience and reading this. It's so nice to see you AGAIN!
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