कै कोई जागे सन्त महात्मा, जाकी लगी हो हरि नाम की डोर।।
या कोई भोगी(अपने पूर्वजन्म के कर्मों का फल भोगने वाला व्यक्ति, कर्मों का फल अच्छा बुरा कुछ भी हो सकता है),
या कोई चोर, या वो इंसान जिन्हें हरि नाम की रट लगी हुई है, वो ही रात्रि जागरण करते हैं
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गुरुदेव द्वारा प्रदत्त आराधना पथ अतयंत सरल आडम्बर और कर्मकांडो से रहित है। किसी भी कर्मकांड की जरुरत नहीं है। कही पर ध्यान कही भी बैठ कर किया जा सकता है । किसी प्रकार के तिलक छापे 'विशेष रंग के वस्त्र पहनने ' रंग विशेष का आसन बिछाने की जरुरत नहीं होती है।
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इसके लिए आपसे किसी प्रकार की कभी भी कोई एंट्री फी,किसी भी प्रकार की टिकेट,किसी भी प्रकार की कोई पैकेज फी,कोई चार्ज कोई पैसा नही लिया जाता।
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