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एक बार किसी गाँव के जागीरदार ने .... Inspirational short Stories with moral






एक बार किसी गाँव के जागीरदार ने एलान करवाया कि कल एक बडी दावत हॆ, उसमें खीर बनाने के लिये प्रत्येक घर से एक एक लीटर दूध गाँव के बीच रखे बडी कडाही मे लाकर डालना हॆ  दूसरे दिन मुंह अंधेरे ही लोगों ने कडाही मे दूध डालना शुरू कर दिया लेकिन जब सुबह देखा तो कडाही पानी से भरी थी  मतलब हर गाँववाला यह सोचकर पानी डाल गया कि बाकी सब तो दूध डाल ही रहे हॆ तो मेरे पानी का क्या पता चलेगा   

 साथियों प्रत्येक व्यक्ति का ईमानदारीपूर्वक किया गया प्रयास ही किसी सामूहिक कार्य को सफल बना सकता हॆ  यह सोचना कि बाकी लोगों के प्रयासों से ही मेरा भी काम हो जायेगा —– असफलता की शुरुआत यहीं से होती हॆ



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स्वर्ग जाने के लिए खुद को ही मरना पडता है

एक गाय को मोक्ष प्राप्त नहीं हो सकता। हाथी को भी नहीं और शेर को भी नहीं  मोक्ष केवल मानव को प्राप्त हो सकता है।


Do it yourself to fulfil your spiritual desires when you want, where you want (Completely free of charge)


सिद्धयोगयोग के दर्शन पर आधारित है जो कई हजार वर्ष पूर्व प्राचीन
 ऋषि मत्स्येन्द्रनाथ जी ने प्रतिपादित किया तथा एक अन्य ऋषि पातंजलि 
ने इसे लिपिबद्ध कर नियम बनाये जो ‘योगसूत्र‘ के नाम से जाने जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार मत्स्येन्द्रनाथ जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 
इस योग को हिमालय में कैलाश पर्वत पर निवास करने वाले शास्वत 
सर्वोच्च चेतना के साकार रूप भगवान शिव से सीखा था। ऋषि को,
 इस ज्ञान को मानवता के मोक्ष हेतु प्रदान करने के लिये कहा गया था। 
ज्ञान तथा विद्वता से युक्त यह योग गुरू शिष्य परम्परा में समय-समय पर दिया जाता रहा है।

इस युग का मानव भौतिक विज्ञान से शान्ति चाहता है परन्तु विज्ञान 
ज्यों-ज्यों विकसित होता जा रहा हैवैसे-वैसे शान्ति दूर भाग रही है और अशान्ति तेज गति से बढती जा 
रही है। क्योंकि शान्ति का सम्बन्ध अन्तरात्मा से हैअतः विश्व में 
पूर्ण शान्ति मात्र वैदिक मनोविज्ञान के सिद्धान्तों पर ही स्थापित 
हो सकती है। अन्य कोई पथ है ही नहीं। भारतीय योग दर्शन में 
वर्णित “सिद्धयोग” से विश्व शान्ति के रास्ते की सभी रुकावटों का
 समाधान सम्भव है।



समर्थ सिद्धगुरु के अनुग्रह से सिद्धयोग ध्यान की
क्रियात्मक प्रक्रिया के माध्यम से सबसे पहले कुंडलिनी
का जागरण होता हैफिर उसका उत्थान होता है।
इसके बाद क्रम से चक्रों का भेदन होता हैं और अंत में
आज्ञा चक्र में अपने सद्गुरु के चिन्मय स्वरुप का दर्शन
होता है।
अंत में सहस्त्रार स्थित शिव से शक्ति का सामरस्य महा मिलन होता है।
समर्थ सिद्धगुरु श्री रामलालजी सियाग के फोटो का आज्ञाचक्र पर ध्यान

 करने से कुण्डलिनी जाग्रत हो जाती है।


यह जाग्रत कुण्डलिनी साधक का मनबुद्धि  प्राण अपने अधीन कर 
उसे स्वतः यौगिक क्रियाएँ करवाती हैl


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Guru Siyag Siddha Yoga The Way, Meaning, Means, and Method of meditation.

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Please forward this message, might be useful for needy person. This is useful for those who really want to do #Yoga and #meditation.
Thank You for having patience and reading this. 

Life mein agar ye Video nahi dekha to hamesha yahi lagega ki kuch to tha jo miss ho gaya...[If you are spiritual then must watch otherwise ignore(This is not for you)]




http://spirtualworld.blogspot.com/2016/05/all-speeches-of-guru-siyag-at-one-place.html



Guru Siyag Siddha Yoga The Way, Meaning, Means, and Method of meditation.


May you live a long and healthy life!

Siddha Yoga In Short:
Anyoneof any religion, creed, color, country
Anytimemorning, noon, evening, night
Any duration5, 10, 12, 15, 30 minutes. For as much time as you like.
Anywhereoffice, hosme, bus, train
Anyplaceon chair, bed, floor, sofa
Any positioncross-legged, lying down, sitting on chair
Any agechild, young, middle-aged, old
Any diseasephysical, mental and freedom from any kind of addiction
Any stressrelated to family, business, work

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