परमेश्वर की ऐसी करनी। महात्मा अति रोगी हो गए । इस सेवक के पीछे पीछे उनकी मृत्यु हो गई।महात्मा महासमाधि लेकर मर गए। अब भी लोग वहाँ जाते हैं। पक महात्मा तो हैं नहीं पर किसी के खड़ाऊँ की आवाज़ आती है।लोग जानते हैं कि जब ऐसा होता है तो भूत होता है। भूत तंग नहीं करता है। कुछ कहता नहीं है। अब सेवक भी वापिस आ गया। उसे भी बात का पता लगा। वह एक रात वहाँ ठहरा। बाबा से प्रार्थना करता है- बाबाश्री - यह कौन है? यह क्या हुआ है महाराज? यह तो आप ही के चलने की आवाज़ है! मैं इन्हें बहुत अच्छे से पहचानता हूँ। बाबा कहते हैं बेटा यह तेरे बीस रुपइये की करतूत है। मरते वक्त मेरा मन उस बीस रुपये पर चला गया। यह मेरे लिए रखे हुए हैं। यह मेरा पन जो जुड़ गया। उसने मुझे यह दुर्गति दे दी है। अभी इसे निकाल और किसी धर्म के कार्य में डाल। मेरी सद्गति हो जाएगी ।
उस विरक्तानन्द ने बीस रुपए का सोचा तो उसकी यह हालत हुई, हम तो तिजोरियों के साथ, पत्नी के साथ, पुत्र के साथ, मेरापन जोड़े हुए हैं, मकान के साथ.. हमारा क्या हाल होगा, यह परमेश्वर के सिवाय कोई नहीं जानता।
मोह हमारे पुर्नजन्म का कारण है, इसमें कोई संदेह नहीं ।संत महात्मा अनेक प्रकार का मोह वर्णन करते हैं - कहीं तन का मोह, कहीं धन का मोह, कहीं भूख का मोह है, कहीं यशमान का मोह है, कहीं प्रशंसा सुनने का मोह है, कहीं पुत्र के प्रति मोह है, कहीं पत्नी के प्रति मोह है,मानो अनेक प्रकार के मोहों से व्यक्ति ग्रस्त है। सम्भवतया आदमी विभिन्न योनियों में प्रवेश करता है। इन्हीं के कारण , यदि कोई भाग्यशाली है, तो उसे बार बार मनुष्य योनी मिलती है।
एक गाय को मोक्ष प्राप्त नहीं हो सकता। हाथी को भी नहीं और शेर को भी नहीं । मोक्ष केवल मानव को प्राप्त हो सकता है।
क्रियात्मक प्रक्रिया के माध्यम से सबसे पहले कुंडलिनी
का जागरण होता है, फिर उसका उत्थान होता है।
इसके बाद क्रम से चक्रों का भेदन होता हैं और अंत में
आज्ञा चक्र में अपने सद्गुरु के चिन्मय स्वरुप का दर्शन
होता है।
समर्थ सिद्धगुरु श्री रामलालजी सियाग के फोटो का आज्ञाचक्र पर ध्यान करने से कुण्डलिनी जाग्रत हो जाती है।
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Guru Siyag's Siddha YogaThe Way, Meaning, Means, and Method of Salvation/Yoga/meditation,
Siddha Yoga In Short:
Anyone of any religion, creed, color, country
Anytime morning, noon, evening, night
Any duration 5, 10, 12, 15, 30 minutes. For as much time as you like.
Anywhere office, hosme, bus, train
Anyplace on chair, bed, floor, sofa
Any position cross-legged, lying down, sitting on chair
Any age child, young, middle-aged, old
Any disease physical, mental and freedom from any kind of addiction
Any stress related to family, business, work
Anyone | of any religion, creed, color, country |
Anytime | morning, noon, evening, night |
Any duration | 5, 10, 12, 15, 30 minutes. For as much time as you like. |
Anywhere | office, hosme, bus, train |
Anyplace | on chair, bed, floor, sofa |
Any position | cross-legged, lying down, sitting on chair |
Any age | child, young, middle-aged, old |
Any disease | physical, mental and freedom from any kind of addiction |
Any stress | related to family, business, work |
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