गुरु सियाग योग : मानवता के लिये वरदान
आज दुनिया मे चारो और रोग ही रोग फैले हैं अगर आप किसी भी हॉस्पिटल मे चले जाये तो ऐसा लगता है जैसे सारी दुनिया ही रोगी है ज्यादातर रोग मानसिक होते हैं. विज्ञान ने बड़ी तरक्की कर लि है, रोग मिटाने मे उसका बहुत ही बड़ा योगदान है कल जिन बिमारियो का मतलब मौत थी आज उनका इलाज विज्ञान ने दिया है, लेकिन बहुत से रोग हैं जिनका कोई इलाज नही है, डॉक्टर्स परेशन हैं? रोगी की सतह-सतह उसके घर वेल भी उमर भर दर्द उठाते हैं. अब सारी बिमारियो का इलाज संभव है वो भी फ्री मे, गुरु सियाग योग से।
दुनियाँ भर में बडे शहरों तथा छोटे कस्बों में रहने वाले अनगिनत लोग तनावपूर्ण जीवन जीते हुए किसी ऐसी सर्वरोगनाशक औषधि की तलाश में रहते हैं जो उन्हें तनाव तथा सभी प्रकार की बीमारियों से, जिन पर वर्तमान औषधियाँ काम नहीं करती, छुटकारा दिला सके।
कुछ लोग सनातन सत्य तथा परमात्मा की हार्दिक तलाश में हैं। इसमें से बहुत से लोग अपने इच्छित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु योग अपनाते हैं। कुछ समय बाद धीरे-धीरे उनका उत्साह कमजोर पडना आरम्भ हो जाता है क्योंकि उनमें से अधिकांश यह जान जाते हैं कि या तो समय की कमी या फिर कार्य के अनियमित घन्टे होने के कारण रोजाना योग के थका देने वाले खानपान व रहन सहन संबंधी नियम अधिक समय तक बनाये रखना आसान नहीं है।
कुछ लोग सनातन सत्य तथा परमात्मा की हार्दिक तलाश में हैं। इसमें से बहुत से लोग अपने इच्छित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु योग अपनाते हैं। कुछ समय बाद धीरे-धीरे उनका उत्साह कमजोर पडना आरम्भ हो जाता है क्योंकि उनमें से अधिकांश यह जान जाते हैं कि या तो समय की कमी या फिर कार्य के अनियमित घन्टे होने के कारण रोजाना योग के थका देने वाले खानपान व रहन सहन संबंधी नियम अधिक समय तक बनाये रखना आसान नहीं है।
इसके अलावा योग की विभिन्न क्रियाऐं जैसे आसन, बन्ध ,मुद्रायें, प्राणायाम आदि बहुत से लोगों के लिये करना आसान नहीं हैं, अधिकांश केसज में गुरू अथवा योगा टीचर की निगरानी के बिना आरम्भ में योग की मुद्रायें करने का परामर्श नहीं दिया जाता है। जिनके पास समय व धन की कमी है उनके लिये योग की कक्षाओं में जाना या तो अव्यवहारिक होता है या अधिक खर्चीला होता है। क्या इसका यह मतलब है कि योग जनसाधारण के लिये नहीं है? जिनके पास या तो समय की कमी है या जो साधन सम्पन्न नहीं हैं, जो नियमानुसार योग के प्रशिक्षण में पहुँच सकें। सामान्यतः उत्तर होगा, हाँ योग सबके लिये सम्भव नहीं है।
गुरू सियाग एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू हैं जो अपने शिष्यों के लिये जिम में जाये बिना या घर पर योग के थका देने वाले गहन प्रशिक्षणों के किये बिना ही सिद्धयोग के द्वारा योग के सर्वोत्तम लाभ उपलब्ध करा देते हैं। सिद्धयोग में, एक इच्छुक व्यक्ति को गुरू सियाग से दीक्षा लेनी होती है तथा उनके बताये अनुसार ध्यान एवं मंत्रजाप करना होता है। हमारा शरीर एक माध्यम है जिसके द्वारा ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। इसीलिये वैदिक दर्शन, साधकों के लिये जो आध्यात्मिकता के पथ पर आगे बढना चाहते हैं, पूर्ण स्वस्थ होने की आवश्यकता पर बल देता है। दैनिक जीवन के एक उदाहरण से यह बात स्पष्ट की जा सकती है। मान लो हमें ’अ‘ स्थान से ’ब‘ स्थान तक की यात्रा करनी है।अगर वाहन चालू व बिलकुल ठीक हालत में है तो वह स्थान ’ब‘ तक हमें जल्दी और सुविधापूर्वक पहुँचायेगा बजाय उस वाहन के जो बुरी हालत में है। संक्षेप में, आध्यात्मिक प्रगति के लिये पूर्ण रूप से स्वस्थ होना पहली आवश्यकता है। सिद्धयोग का नियमित अभ्यास ठीक यही करता है वह हमें सबसे पहले पूर्ण रूप से स्वस्थ करता है।
गुरु श्री रामलाल सियाग को गायत्री और क्रष्ण दोनो की सिद्धि है.गुरुजी शक्तिपात दीक्षा से रोगी की कुंडलिनी शक्ति जागृत कर देते हैं.जैसे कुण्डलनी शक्ति उपर की और जाती है,रोगी को के सारे रोगो का नाश हो जाता है.
गुरु सियाग योग के आम फायदे
1.किसी भी प्रकार कि शारीरिक बीमारी जैसे- एड्स, केंसर, अस्थमा, ब्लड प्रेशर,
आर्थराइटिस, शुगर, हेमोफीलिया आदि से मुक्ति सम्भव.
2.किसी भी प्रकार की लत जैसे – ड्रग्स, शराब, अल्कोहल, बीडी, सिगरेट, पान, गुटका –
तम्बाकू आदि से बिना परेशानी छुटकारा सम्भव.
3.किसी भी प्रकार के मानसिक चिंता, डिप्रेशन, तनाव या बीमारी से मुक्ति सम्भव.
4.चिंता जैसे- पारिवारिक, नौकरी, शादी, शिक्षा आदि जैसी समस्यायों से छुटकारा.
5.व्यक्तित्व का विकास, आत्मविश्वास एवं याद्दाश्त में अभूतपूर्व वृद्धि
6.विद्यार्थियों की छिपी हुई क्षमतायें सामने आती हैं.
ध्यान का तरीका
- सर्वप्रथम आरामदायक स्थिति में किसी भी दिशा की ओर मुँह करके बैठें।
- दो मिनट तक सद्गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के चित्र को खुली आँखों से ध्यानपूर्वक देखें।
- यदि आप किसी बीमारी, नशे या अन्य परेशानी से पीडत हैं, तो गुरुदेव से, उससे, मुक्ति दिलाने हेतु अन्तर्मन से करुण पुकार करें।
- मन ही मन १५ मिनट के लिये गुरुदेव से अपनी शरण में लेने हेतु प्रार्थना करें।
- उसके बाद आंखें बन्द करके आज्ञा चक्र (भोंहों के बीच) जह बिन्दी या तिलक लगाते हैं, वहाँ पर गुरुदेव के चित्र का स्मरण करें।
- इस दौरान मन ही मन गुरुदेव द्वारा दिए गए मंत्र का मानसिक जाप बिना जीभ या होठ हिलाये करें।
- ध्यान के दौरान शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड दें, आँखें बन्द रखें, चित्र ध्यान में आये या न आये उसकी चिन्ता न करें। मन में आने वाले विचारों की चिन्ता न करते हुए मानसिक जाप करते रहें।
- ध्यान के दौरान कम्पन, झुकने, लेटने, रोने, हंसने, तेज रोशनी या रंग दिखाई देने या अन्य कोई आसन, बंध, मुद्रा या प्राणायाम की स्थिति बन सकती है, इससे घबरायें नहीं, इन्हें रोकने का प्रयास न करें। यह मातृशक्ति कुण्डलिनी शारीरिक रोगों को ठीक करने के लिये करवाती है।
- समय पूरा होने के बाद आप ध्यान की स्थिति से सामान्य स्थिति में आ जायेंगे।
- योगिक क्रियायें या अनुभूतियां न होने पर भी इसे बन्द न करें। रोजाना सुबह-शाम ध्यान करने से कुछ ही दिन बाद अनुभूतियां होना प्रारम्भ हो जायेंगी।
- ध्यान करते समय मंत्र का मानसिक जाप करें तथा जब ध्यान न कर रहे हों तब भी खाते-पीते, उठते-बैठते, नहाते धोते, पढते-लिखते, कार्यालय आते जाते, गाडी चलाते अर्थात हर समय ज्यादा से ज्यादा उस मंत्र का मानसिक जाप करें। दैनिक अभ्यास में १५-१५ मिनट का ध्यान सुबह-शाम करना चाहिये।
गुरु सियाग योग अन्य फायदे
- आध्यात्मिकता के पूर्ण ज्ञान के साथ भूत तथा भविष्य की घटनाओं को ध्यान के समय प्रत्यक्ष देख पाना सम्भव।
- ध्यान के दौरान भविष्य की घटनाओं का आभास होने से मानसिक तनावों से मुक्ति
- एकाग्रता एवं याद्दाश्त में अभूतपूर्व वृद्धि।
- साधक को उसके कर्मों के उन बन्धनों से मुक्त करता है जो निरन्तर चलने वाले जन्म-मृत्यु के चक्र में उसे बांध कर रखते हैं।
- तामसिक वृत्ति के शान्त होने से मानव जीवन का दिव्य रूपान्तरण।
- साधक को उसकी सत्यता का भान एवं आत्मसाक्षात्कार कराता है।
- गृहस्थ जीवन में रहते हुए आध्यात्मिक विकास ।
साधना करने के लिए घर या नौकरी छोड़ने की जरूरत नहीं. कोई भी खान-पान या रहन-सहन बदलने की जरूरत नहीं.
गुरु सियाग के द्वारा सिद्ध योग दर्शन की जानकारी एवं ऑनलाइन शक्तिपात दीक्षा
मन्त्रा केवल गुरुजी की आवाज मे ही सुनना है. हम किसी को भी मन्त्रा नही बता सकते .
गुरु सियाग योग के जनक भगवान शिव हैं . और प्राचीन कल से गुरु- शिष्या परंपरा के तहत ए दिव्या ज्ञान मानवता के लिये अब जमीन पर उभर आया है गुरुजी जो नाम जाप को देते हैं उसे इस परंपरा के लाखो योगियो द्वारा जपा गया है. यंहा मे कह सकता हुईं की एक अति प्रभावशाली , जबरदस्त चेतन मन्त्रा है . इतने छोटे जगह मे सारी जानकरी दे पाना संभव नही है , इच्छुक पाठकों से निवेदन है की कृपया वेब साइट चेक करें.
Siddha Yoga In Short: | |||||||||||||||||||
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Self Realization has always been the ultimate goal of all religions and spiritual traditions of the world. But, It has now become a mass phenomenon achieved effortlessly through Siddha Yoga, which is Guru Siyag’s invaluable gift to humanity.
Mantra Diksha(Online Initiation) is completely free of charge. To receive Diksha the seeker does not have to go through any process of registration.
Yoga | Meditation | Mindfulness
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Muje aasrvad mile .aum muje n bhule.
ReplyDeleteMuje aasrvad mile .aum muje n bhule.
ReplyDeleteJai gurudev Jai dada guru
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