🍃🌾😊
आप
दो ढंग से जी सकते हैं।
एक मूर्च्छित ढंग है,
जैसा आप आज तक जीते आ रहे है।
थोड़ी सी परत भीतर जगी है।
वह भी सदियों से धूल और मिट्टी में दबी पड़ी है
आपका अधिकांश अस्तित्व सोया है
भीतर यह जो थोड़ी सी रोशनी की पर्त है
इसे सपनों से, विचारों से मुक्त कीजिये
इसे साफ कीजिये, निखारिये। सिद्ध योग कीजिये
जैसे ही यह शुद्ध होगी
वैसे ही आपके तरीका समझ आ जाएगा।
फिर जो आपने इस पर्त के साथ किया है,
वहीं नीचे की पर्तों के साथ कीजिये
धीरे-धीरे आपका पूरा अंतर्मन
रोशनी से भर जाएगा।
जय गुरुदेव
🙏
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