kajar ki kothari काजल की कोठरी में कैसो ही सयानो जाय एक ...
अर्थात
आप चाहे कितने ही दूध के धुले क्यों न हों, गलत जगह या गलत संगति में जायेंगे तो असर तो होगा ही...
दुनिया में चलोगे तो रास्ते पर पत्थर,रेत,कीचड़ सब मिलेगा| हम पूरी धरती पर कालीन नहीं बिछा सकते, बस खुद के पैरों में जूते पहन सकते हैं| यही बात चरित्र,सोच,विचार और व्यवहार पर लागू होती है| बुराई तो हमेशा रहेगी, फर्क इस बात से पड़ता है कि खुद को इस से बचाने के लिए आपने क्या किया..?
Siddha Yoga In Short: | |||||||||||||||||||
|
0 comments:
Post a Comment
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.