जिनके ओजस्वी वचनों से गूंज उठा था विश्व गगन,
वही प्रेरणा पुंज हमारे, स्वामी पूज्य विवेकानंद |
ऐसा महान व्यक्तित्व जो सत्य सनातन परम ज्ञान का अविलम्ब चिंतन करते
थे | ईश्वर को साक्षात अनुभव करने वाले, युवाओ के आदर्श, पुरे संसार पर
अपनी विनम्रता, साहस, शक्ति और ओजस्वी वचनों से विजय प्राप्त करने
वाले, आज उन स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि है | अनवरत प्रवास,
स्थान-स्थान पर लोगो के बीच जाकर धर्म और सेवा कार्यो और निरन्तर
कठिन साधना के बीच उनकी मृत्यु ३९ वर्ष की छोटी सी आयु में हो गयी |
वो सदा हमारे प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे और उनके आदर्शो पर चलकर भारत एक
दिन अखंड होगा और अपनी आध्यात्मिक शक्ति से जग को प्रकाशित
करेगा |
Self Realization has always been the ultimate goal of all religions and spiritual traditions of the world. But, It has now become a mass phenomenon achieved effortlessly through Siddha Yoga, which is Guru Siyag’s invaluable gift to humanity.
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