श्री माँ ने आत्महत्या के सम्बन्ध में बड़ी विचित्र बात लिखी है जो आज के
समय की भयंकर समस्या है-
' यह निश्चित रूप से जानो कि मनुष्य जितने मूर्खतापूर्ण काम कर सकता
है उनमें सबसे बढ़कर मूर्खतापूर्ण है, 'आत्महत्या'! शरीर का अंत, चेतना
का अंत नहीं है| जो चीज़ तुम्हें जीते जी तकलीफ दे रही थी वह मरने के
बाद भी तकलीफ देती रहेगी | जीते जी मन को किसी और दिशा में
मोड़ने कि संभावना रहती है, मरने पर वह भी नहीं |'
for more details or start meditation or yoga
समय की भयंकर समस्या है-
' यह निश्चित रूप से जानो कि मनुष्य जितने मूर्खतापूर्ण काम कर सकता
है उनमें सबसे बढ़कर मूर्खतापूर्ण है, 'आत्महत्या'! शरीर का अंत, चेतना
का अंत नहीं है| जो चीज़ तुम्हें जीते जी तकलीफ दे रही थी वह मरने के
बाद भी तकलीफ देती रहेगी | जीते जी मन को किसी और दिशा में
मोड़ने कि संभावना रहती है, मरने पर वह भी नहीं |'
for more details or start meditation or yoga
0 comments:
Post a Comment