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 कोई भी गुरु भाई अपना विकास नहीं करता

जुड़ते ही प्रचार में लग जाता है गुरु देव से जुड़ने से कुछ नहीं होता पहले अपना ध्यान लगना चाहिए गुरु देव का तेज और शक्ति का अनुभव ख़ुद को करना चाहिये ! मैंने बहुत से गुरु भाई देखे है जिनको बहुत ग़ुस्सा आता है तंबाकू खाते है उनकी घर की फ़ैमिली मेम्बर को bp की प्रॉब्लम है ! वो लोग प्रचार करते है और बोलते है हमारे गुरु देव के मंत्र से नशा छूटजाता है रोग मुक्त हो जाता है



जो भी भाई का ध्यान लगता है गुरु देव की शक्ति का अनुभव किया है और जिसके अंदर वो तेज आ गया है उनको ग़ुस्से आने की संभावना ही नहीं होगी क्यों की सचा गुरु भाई वही है जो मंत्र जाप करता है और पहले अपने आप का विकाश करता है और अपने आप को मोक्ष प्राप्ति के रास्ते की और लेकर जा रहा है जो लोग दूसरो की अनुभूति को सुन कर अपने आप को दुखी समझता है वो लोग कभी भी अपना विकास नहीं कर सकता कोन क्या कार रहा हैं उन सब में उलझना ही नहीं है लंका नगरी सोने की थी तामसिक लोग चारो तरफ़ थे फिर भी रावण के भाई विभीषण जी ने परभु का नाम नहीं छोड़ा आख़िर में भगवान मील ही गए मेरा तो यही कहना है कौन क्या कर रहा है उन सब पर ध्यान देना ही नहीं है ! किसी भीं गुरु भाई को कैसी भी अनुभूति हुई हो उस पर ध्यान देना ही नहीं है केवल अपने आप पर ध्यान देन है जैसे दहीं का बिलोवना करते है जब तक मखन नहीं आता उसका पीछा नहीं छोड़ते झुगते ही रहते है आख़िर में मखन आता ही है इसी प्रकार संजीवनी मंत्र का जाप करो जब तक मोक्ष प्राप्ति तक नहीं पहुँचो तब तक किसी भी बात पर ध्यान मत दो केवल गुरु देव के श्रीं चरण में और संजीवनी मंत्र पर ध्यान दीजिए ! प्रचार और विश्व दर्सन वाली बात गुरू देव पर छोड़ दीजिए वो अपने आप जिस से करवाना है उन से करवा लेंगे में तो उसी को गुरु भाई समझता हूँ जो गुरु देव के ध्यान और संजीवनी मंत्र से अपने आप में बदलाव लाया है कुछ लोग गुरु देव से जुड़ तो गए है लेकिन पाया कुछ नहीं है दुसरो को भ्रमित करते है ख़ुद भी दुखी रहते है ओर दुसरो कि आस्था को भ्रमित कर रहे हैं ! जो ग़लत करेगा गुरु देव अपने आप सजा देंगे ये साधना एसी है जो लोग सोना चाँदी धन दोलत के लिए जुड़ते है वो कभी इसको नहीं समझ सकता ये साधना अच्छे कर्मो से प्राप्त होती हैं इसलिए इसको पहले समझो और कुछ अपने आप में बदलाव लाओ इस साधना से शांति , आनंद, और लास्ट में मोक्ष प्राप्ति होती है अपने कर्मों के कष्ट होंगे वो तो भोगने ही पड़ेंगे कर्मों के कष्टों से दुखी होकर ये साधना मत छोड़ना मेरे गुरु भाई जय गुरु देव By Pravat Singh Gurubhai

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