The whole world is ready for Yoga Day on 21st June, but what is Yoga and what its mission ,very few people know
21 जून को पूरा विश्व योग दिवस के लिए तैयार है, लेकिन योग है क्या और उसका ध्येय क्या है ये बहुत कम लोग जानते हैं
'योग, 'वेद' रूपी कल्पतरु का अमरफल है'- गुरु गोरखनाथ
जी
'Physical exercise is not Yoga' - Guru Siyag
'शारीरिक कसरत का नाम योग नहीं है'- गुरु सियाग
किसी को copy करना, घण्टों कठिन शारीरक कसरत करना,आपके शारीर को कितनी और किस आसन की जरुरत है ये न जानते हुए भी दूसरों की नकल करना etc, क्या इसी का नाम योग है?
कोई भी व्यक्ति अपनी दैनिक दिनचर्या को बदले बिना, गुरु सियाग सिद्ध योग का लाभ ले सकता है। भुगतान करने के लिए कुछ भी नहीं, कहीं नहीं जाना है, कोई पंजीकरण नहीं, कोई दान नहीं, हमेशा नि: शुल्क। शारीरिक व्यायाम योग नहीं है, किसी को कॉपी करना योग नहीं है, हर कोई गुरु सियाग सिद्ध योग पद्धति में ध्यान के दौरान अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव महसूस करता है।
Anyone can take benefits of Guru Siyag
Siddha Yoga, without changing his/her daily routine. Nothing to pay,
Nowhere to go, No Registration, No Donation, Always free of charge.
Physical Exercise is not Yoga, Copying someone is not yoga.Everyone feel
unique spiritual experiences during meditation in Guru Siyag Siddha Yoga method.
Only two things needed full dedication & regular practice(only 15 minutes twice a day)
Start from today & see the results. (Everyone feel unique spiritual experiences during meditation).
Only two things needed full dedication & regular practice(only 15 minutes twice a day)
Start from today & see the results. (Everyone feel unique spiritual experiences during meditation).
ये वो लोग हैं
जिन्होंने केवल 15 मिनट सुबह-शाम ईश्वर ध्यान जनित योग किया,और कैंसर/एड्स,हीमोफीलिया
जैसे भयंकर रोगों को मात देकर स्वस्थ और आध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं
सिद्धयोग, योग के दर्शन पर आधारित है जो कई हजार वर्ष पूर्व प्राचीन ऋषि
मत्स्येन्द्रनाथ जी ने प्रतिपादित किया तथा एक अन्य ऋषि पातंजलि ने इसे लिपिबद्ध
कर नियम बनाये जो ‘योगसूत्र‘ के नाम से जाने जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार
मत्स्येन्द्रनाथ जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस योग को हिमालय में कैलाश पर्वत
पर निवास करने वाले शास्वत सर्वोच्च चेतना के साकार रूप भगवान शिव से सीखा था। ऋषि
को, इस ज्ञान को मानवता के मोक्ष हेतु प्रदान
करने के लिये कहा गया था। ज्ञान तथा विद्वता से युक्त यह योग गुरू शिष्य परम्परा
में समय-समय पर दिया जाता रहा है।
सदियों पुराने
इस ज्ञान को सिद्ध और नाथ पंथियों ने विकसित किया. योग की इस सिद्ध पद्धति में
हरेक आदमी अपने शरीर और मन के मुताबिक अलग-अलग आसन करता है और ये सब कुछ होता है
गहन ध्यान में. ध्यान में जाकर कुंडलिनी जागृत होती है तब शरीर मन और आत्मा का
अंतर मिट जाता है. इसके बाद आत्मा और मन के आदेश पर शरीर अपने आप शरीर की जरूरत के
मुताबिक आसन या प्राणायाम करने लगता है.
केवल 15 मिनट का ध्यान योग,और परिणाम आप खुद देखिये
Meditate only for 15 minutes twice a day, see the results from day one.
What is the function and benefits of this #Yoga
.
Everybody should know something about kundalini as it represents the coming consciousness of mankind. Kundalini is the name of a sleeping dormant potential force in the human organism and it is situated at the root of the spinal column.
It takes only 15 to 20 minutes to experiment it.
ये वो लोग हैं जिन्होंने केवल 15 मिनट सुबह-शाम ईश्वर ध्यान जनित योग किया,और कैंसर/एड्स,हीमोफीलिया जैसे भयंकर रोगों को मात देकर स्वस्थ और आध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं
These are the people who have done Yoga/
meditation only 15 minutes twice a day, and are living healthy and spiritual
life by defeating fierce diseases like Cancer / AIDS, Haemophilia etc.
Millions of persons practice
Guru Siyag Siddha Yoga with full dedication regularly, and living
disease free,addiction free,spiritual life-Results are on your screen.
Patient Reports:Cases Cured
Cancer Cured
Haemophilia Cured
HIV/Aids Cured
(Photograph only for reference not paste by lab)
(Self Statement)
(Self Statement)
Siddha Yoga : AIDS, CANCER CURED Verification in Front of Doctors and media
Aids Cured
Cancer Cured
Haemophilia cured
Unique Spiritual Experiences
More About Guru Siyag: http://timesofindia.indiatimes.com/life-style/Learning-focus/articleshow/7700678.cms
http://spirtualworld.blogspot.in/search/label/news-paper
http://spirtualworld.blogspot.in/search/label/news-paper
0 comments:
Post a Comment