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 सिद्धयोग-निःशुल्क शक्तिपात दीक्षा-कुण्डलिनी जागरण-Siddha Yoga Kundalini Awakening Shaktipat Diksha Initiation by Guru Siyag:God Mantra

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 बहुत सुना वेदों के बारे में अब समय है कि भीतर से वेदों का प्रादुर्भाव हो और मानव का दिव्य रूपांतरण हो,तो आइये और स्वयं अनुभूति लीजिये...... ॐ परमात्मने नमः
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सनातन धर्म का एक लक्ष्य है मोक्ष या मुक्ति (कैवल्य, महानिर्वाण, आत्मदर्शन इत्यादि) अर्थात नर का नारायण हो जाना !!! 
 हम विज्ञान की भाषा में इसे मानव का सम्पूर्ण रूपांतरण भी कह सकते हैं परन्तु अध्यात्म की भाषा में केवल योग(आत्मा का परमात्मा में एकीकार होना) ही कहेंगें ! ये रास्ता सदैव भीतर से होकर जाता है और भीतर का रास्ता केवल वही दिखा सकता है जो आपके भीतर बैठा हो अर्थात परमात्मा और उसने हमें सृष्टि के आरम्भ में दिखाया भी है. उसी ने हमारे इस अध्यात्मिक मार्ग के सद्ज्ञान को हमारे ब्रह्माण्ड की चार सर्वश्रेष्ठ और पवित्र आत्माओं(ऋषिवर अग्नि, आदित्य, अंगिरा और वायु ) की आत्माओं के माध्यम से मानव समाज में फैलाया जो उन्होंने अपने शिष्यों में बाँट दिया चूंकि परमात्मा का ये ज्ञान सुनकर सजोया गया इसलिए इन्हे "श्रुति" कहा गया और श्रुति को ही कालांतर में वेद कहा गया इसी परंपरा में ऋषि शिव(भगवान शिव) के पास ये विद्या आयी और उन्होंने इस सम्पूर्ण विद्या को आत्मसात कर लिया और इस सम्पूर्ण विद्या में से योग विद्या को आम जन के लिए और भी आसान बनाया ताकि कालांतर में कम हुई मानव की शक्ति के अनुरूप इसका उपयोग किया जा सके तथा नाथ परंपरा का प्रारम्भ किया और आदिनाथ कहलाये ! नाथ परंपरा में नाथों ने अपने तपोबल से योग को बहुत विस्तार दिया और इसे उच्चतम स्थिति तक पहुंचाया है! इस परंपरा में विभिन्न योग विधियां परम्परानुसार वर्तमान में भी चल रहीं है जैसे हठयोग विद्या, भक्तियोग विद्या, ज्ञानयोग विद्या, कर्मयोग विद्या इत्यादि ! इसी प्रकार आईनाथ संप्रदाय के नाथयोगियों ने योग को चरमोत्कर्ष तक पहुंचाते हुए वर्तमान में मानवता के सामर्थ्य को ध्यान में रखते हुए "सिद्धयोग" मानव समाज को प्रदान किया है चूंकि इसमें सभी प्रकार की योग विधाओं का समावेश है इसलिए इसे महायोग भी कहा जाता है! इसमें गुरु चार तरीकों(दृष्टिपात, स्पर्श, शब्द और संकल्प) से साधक के भीतर बैठ जाता है और साधक को स्वयं अपने सानिद्ध्य में योग के चरमोत्कर्ष(मोक्ष) तक ले जाता है अर्थात नर से नारायण की यात्रा को पूर्ण करवाता है और ये यात्रा तब तक पूर्ण नहीं होती है जब तक मानव तीनों वृत्तियों (सात्विक, राजसिक और तामसिक) से पार नहीं पा लेता है ! ईश्वर के चार कार्य होते है सृष्टि, प्रलय, तिरोधान और अनुग्रह! क्रमशः प्रथम तीन को ईश्वर तीनों वृत्तियों में व्याप्त रहते हुए करता है और चौथा कार्य (अनुग्रह) गुरु के माध्यम से करता! अर्थात ईश्वर की अनुग्रहिक शक्ति ही गुरु कहलाती है जो वृत्तियातीत है ! चूंकि गुरु-शिष्य परंपरा को ईश्वर ने स्वयं चलाया था और परमगुरु के नाते चारों ऋषियों के हृदय में वेदज्ञान जनाया था और नाथ संप्रदाय आज भी उसी परंपरा को निभाता है ! अतः योगविद्या को संसार में चलायमान करने के लिए ईश्वर स्वयं ही किसी गुरु के भौतिक शरीर के माध्यम से कार्य करता है ! 

 चूंकि ये सिद्धयोग वेदरूपी कल्पतरु का अमरफल है इसलिए इससे साधक के त्रिविध ताप यानि तीनों प्रकार के कष्ट (आदि दैहिक, आदि दैविक और आदि भौतिक) दूर होते हैं ! ये पूर्णतः निशुल्क है क्योंकि धर्म में धन की कोई महत्ता नहीं होती है, जहाँ धर्म में धन की बात है समझ जाओ कि कहीं कुछ गड़बड़ है और इसके लिए किसी भी व्यक्ति को कहीं भी जाने की जरुरत नहीं है क्योंकि गुरुदेव तो मंत्र(शब्द) के साथ आपके भीतर हैं मतलब जहाँ आप वहाँ गुरु ! संक्षेप में सिद्धयोग में समय, स्थान और धन गौण है केवल गुरुदेव के प्रति समर्पण ही आवश्यक है ! सबसे बड़ी बात ये है कि आपको कुछ भी छोड़ने की आवश्यकता नहीं है सिर्फ गुरुदेव की आज्ञानुसार मंत्र को पकड़ना है बाकि सभी कार्य गुरुदेव करेंगे! 

 जो भी व्यक्ति सिद्धयोग की अनुभूति लेना चाहता है वो 15 मिनट ध्यान करके देखे और हाँ ये सिद्धयोग है इसमें मातृशक्ति, जगत जननी कुण्डलिनी स्वयं योग करवाती है! जिसे हम आम भाषा में दुर्गा, पार्वती, राधा, सीता कहते हैं परन्तु योगियों ने इसे कुण्डलिनी कहा है! ध्यान के दौरान कोई भी यौगिक क्रिया होती है जैसे प्राणायाम, आसन, बंध, रोना, हंसना, प्रकाश या विभिन्न रंग दिखाई देना, महापुरुषों के दर्शन, देवी या देवता के दर्शन इत्यादि तो घबराये नहीं ये जगत जननी कुण्डलिनी शक्ति स्वयं करवाती है(आपके अंदर की शक्ति,कोई बाहरी शक्ति नहीं)इससे आपको कोई हानि नहीं होगी और ध्यान का समय पूरा होते ही आप सामान्य स्थिति में आ जाएंगे! जरूर करके देखें क्योंकि परिवर्तन करने से आएगा पढ़ने या सुनने से नहीं! यदि आप केवल पढ़कर आगे बढ़ जाते हैं तो मेरा ये लिखना और आपका पढ़ना दौनों ही व्यर्थ हैं ! तो आइये सिद्धयोग(जो कि नाथमत की देन है,और मानवता के लिए है) के प्रसाद का आनंद लीजिये और वैदिक दर्शन को अपने भीतर मूर्त रूप लेते हुए देखिये !!! 





Full Speech in Hindi & English: http://spirtualworld.blogspot.com/2015/12/guru-siyags-speech-in-hindi-in-english.html Guru Siyag Siddha Yoga & Meditation (Kundalini Awakening). ➠ Always free of charge. ➠ Awakens Kundalini. ➠ Promotes spiritual progress leading to self-realisation & self visualisation. ➠ Improves focus and retention and is thus greatly beneficial to children and students. ➠ Helps to get freedom from illnesses, addiction (substance abuse), stress, anxiety, irritability, depression, fear etc. ➠All Physical & Mental diseases are cured. ➠It frees the practitioner from any kind of addiction. ➠Improves concentration & memory power of students. ➠Attainment of both Spiritual & Meterial benefits resulting in Salvation(Moksha) in this life only. Guru Siyag Siddha Yoga -------------------------------------- •Guru Siyag’s Siddha Yoga (GSSY) is a purely meditation-based yoga. •The practice of Guru Siyag Siddha Yoga awakens the Kundalini. •The Kundalini is a female energy force that lies dormant at the base of the spinal column in every human body. •Awakening of the Kundalini through GSSY brings about three major benefits: 1.Healing or curing of physical,mental,spiritual diseases 2.Freedom from addiction and stress. 3.Spiritual evolution,self realization,Moksha(Salvation) How to get Sanjiwani Mantra(Life Giving mantra)/Initiation by Guru Siyag Online Initiation http://spirtualworld.blogspot.com/p/online-initiation-c-ompletely-free-of.html http://spirtualworld.blogspot.com/2016/02/to-every-interested-curious-human-being.html Worldwide http://timesofindia.indiatimes.com/life-style/Learning-focus/articleshow/7700678.cms http://spirtualworld.blogspot.com/2016/05/guru-siyag-siddha-yoga-in-media-in.html http://spirtualworld.blogspot.com/search/label/news-paper World's largest spiritual Facebook Group Join: https://www.facebook.com/groups/GuruSiyag Like: https://www.facebook.com/TopYogaAlert Subscribe our channel & get notification instantly https://www.youtube.com/channel/UCO2s40hNBTrCHwkZo1HAHHg

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