अगर कुछ करने का जज्बा हो तो ये पोस्ट जरूर पढ़ें,Negative और रोने वाले लोग दूर रहें
.
प्रकृति ने अरबों वर्षों में मानव का निर्माण किया,और मानव ने अपने ही कर्मों से प्रकृति और मानवजाति को विनाश तक पहुंचा दिया है
.
हम 1.25 अरब भारतीय अगर 2 पौधों का भी संकल्प लें तो 2.50 अरब हाथ,मानवजाति को बचा सकते हैं
.
ध्यान रहे प्रकृति किसी भी चीज का निर्माण विनाश के लिए नहीं करती
.
एक छोटी सी चीटी भी प्रकृति को बचाने में अहम भूमिका निभाती है,और हम मानव होकर भी मानवता के बारे में नहीं सोचते,आप अमूल्य हो,आप यूनिक हो,रोकने वाले रोकेंगे,आपकी अकेले की यात्रा है चल सकते हो तो चलो
.
जैव-विविधता के जानकारों का मानना है कि हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में चींटियां बेहद महत्वपूर्ण हैं
.
क्योंकि वे मिट्टी के पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करती हैं और बीजों के प्रसार में मदद करती हैं,
.
ग्रीनहाउस गैसों को हटाने में योगदान करती हैं,
.
मिट्टी और खनिजों, जैसे कि फास्फोरस,नाइट्रोजन,पोटेशियम, मैग्नीशियम के साथ मिट्टी को समृद्ध करने में मदद करती हैं,
.
मिट्टी के जैविक गतिविधि को बढ़ाने, ऑक्सिजन और पौधों की वृद्धि के लिए उपयोगी पदार्थों के साथ इसके संवर्धन में योगदान करती हैं
.
इस कारण से वे कीटों के सबसे बेहतरीन अध्ययन समूहों में से एक हैं।
.
और मानव,मानवजाति को क्या दे रहा है हर चीज में मिलावट,प्रदूषण, वनों का विनाश,झूठ,फरेब,मानव मूल्यों में गिरावट की भी हद हो गई है
.
हवा,पानी,खाद्य पदार्थ,रिश्ते,नैतिक मूल्य,संस्कृति हर चीज में मिलावट
.
किसी मासूम बच्चे की क्या गलती है कि उसको मिलावट का दूध पीना पड़ता है,प्रदूषण वाली सांसों से वो अपने जीवन की शुरुआत करता है
.
गहनता से रिसर्च कर के पाएंगे कि इस मिलावट की वजह है मानव की तामसिक वृत्तियों में वृद्धि
.
क्या वृत्तियों को बदला जा सकता है, क्या इन समस्यायों की जड़ पर काम किया जा सकता है, क्या ऐसा कोई परिवर्तन लाया जा सकता है जिससे सम्पूर्ण मानवजाति का दैवीय रूपांतरण हो सके
.
तो जवाब होगा हां
.
रोने वाले रोते रहेंगे,सोने वाले सोते रहेंगे, अपनी सोई हुई शक्ति को जगाएं,और प्रकृति ने जिस काम के लिए आपको बनाने में अरबों साल लगा दिए,उस कार्य को अंजाम तक पहुंचाएं
.
प्रत्येक जीव के भीतर एक दिव्य शक्ति निवास करती है,जिसे कुंडलिनी कहते हैं।
.
इस शक्ति के दो रूप होते हैं: एक वह जो विश्व के अस्तित्व को प्रकट करता है, और दूसरा वह,जो हमें परम सत्य की ओर ले जाता है।
.
इस शक्ति का जागतिक पक्ष पूर्णरुप से क्रियाशील है, किन्तु इसका अन्तर पक्ष सुषुप्त और निष्क्रिय है।
.
जब अंतर कुण्डलिनीशक्ति जागृत कर दी जाती है, तो हमारे भीतर नाना प्रकार की यौगिक क्रियाएं होने लगती हैं, व हमे आत्मस्तिथि की ओर ले जाती है। इसी कारणवश कुंडलिनी के ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण कोई ज्ञान नही है।
5 Top कुण्डलिनी जागरण विधि: तरीका:मंत्र:विज्ञान:योग साधना:शक्ति:प्राणायाम: Kundalini Awakening
Film:
http://spirtualworld.blogspot.com/2015/10/meditation-filmdocumentary-about.html
http://spirtualworld.blogspot.com/search/label/news-paper
https://spirtualworld.blogspot.com/2019/01/cases-curedaids-cured-badrinarayan-so.html